Saturday, April 30, 2011

मनोज की खोज : 1 - रोक डॉल्टन गार्सिआ की कविताएँ

रोटी की तरह कविता

1992 की बात है. या 1993 की. मार्टिन एस्पादा ने राजनीतिक कविताओं का संग्रह तैयार किया और उसका नाम दिया : रोटी की तरह कविता. कहना न होगा कि यह पंक्ति रोक डॉल्टन की कविता 'तुम्हारी तरह' से ली गई है.

रोक डाल्टन (अल सल्वाडोर, 1935 - 1975) एक कवि, लेखक, बुद्धिजीवी और क्रांतिकारी की हैसियत से लैटिन अमेरिका के इतिहास की महत्वपूर्ण शख्सियत रहे हैं. अपने छोटे से जीवन में उन्होंने कुल मिलाकर 18 किताबें लिखीं. मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारों से प्रभावित डाल्टन ने क्रांतिकारी एक्टिविस्ट बनने का भी काफी प्रयास किया जिसे यह कहते हुए नकार दिया गया कि क्रान्ति में उनकी भूमिका एक कवि के रूप में ही है. मेक्सिको में निर्वासन में रहने के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया और मौत की सजा सुनाई गई लेकिन वे चमत्कारी ढंग से बच निकले. पर उन दिनों लटिन अमेरिका में सोचने समझने वालों के साथ जो सामान्यत: होता था, ठीक उसी तरह 1975 में उनकी हत्या कर दी गई. 

हम हिन्दी वाले अक्सर "पोलिटकली चार्ज्ड" कविता की बात करते हैं और साथी मनोज पटेल ने ऐसे कवि को ढूँढ निकाला है जिसकी कविताओं से गुजरते हुए हम "पोलिटकली चार्ज्ड" शब्दयुग्म के भाव को पंक्ति दर पंक्ति महसूस करेंगे. हमारा इरादा, रोक डॉल्टन की कविताओं का धनी हिन्दी समाज से परिचय  कराने का, फरवरी का था पर तय हुआ कि इनकी कविताओं के अंग्रेजी संकलन  में मौजूद सभी 142 कविताओं का अनुवाद कर  लिया जाए. हुआ भी यही.

इस परिचायत्मक मेगा पोस्ट के बाद  आपको धड़ल्ले से इनकी कविताएँ पढ़ने को मिलेगी.
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तुम्हारी तरह



तुम्हारी तरह मैं भी
प्रेम करता हूँ प्रेम से, ज़िंदगी,
चीजों की मोहक सुगंध, और जनवरी
के दिनों के आसमानी रंग के भूदृश्यों से.

और मेरा भी खून खौल उठता है
और मैं हंसता हूँ आँखों से
जो जानती रही हैं अश्रुग्रंथियों को.

मेरा मानना है कि दुनिया खूबसूरत है
और रोटी की तरह कविता भी सबके लिए है.

 और मेरी नसें सिर्फ मेरे भीतर नहीं
बल्कि उन लोगों के एक जैसे खून तक भी फैली हैं
जो लड़ते हैं ज़िंदगी के लिए,
प्रेम,
छोटी-छोटी चीजों,
प्राकृतिक भूदृश्यों और रोटी के लिए,

जो कविता है हर किसी की.
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आजादी के आंकड़े


सल्वाडोर के लोगों के लिए प्रेस की आजादी की लागत
20 सेंटावो प्रतिदिन बैठती है
केवल उन्हीं लोगों की गिनती करते हुए जो पढ़ सकते हैं
और जिनके पास बीस सेंटावो से ज्यादा बचे रह जाते हैं
बमुश्किल उतना भर खाने के बाद जितना ज़िंदा रहने के लिए जरूरी है.

बड़े उद्योगपतियों और प्रचारकों के लिए
प्रेस की आजादी
एक श्वेत-श्याम पृष्ठ के लिए हजारों और कुछ रेजगारी की कीमत पर बिकती है
और मुझे नहीं पता कि पाठ्य या चित्र के लिए
प्रति वर्ग इंच की किस दर पर.

 डान नेपोलियन वियरा अल्टामिरानो
और डतरिज और पिंटो और अल मुंडो के मालिकों के लिए
प्रेस की आजादी लाखों की है :
जिसमें शामिल हैं इमारतें
सैन्य सिद्धांतों पर बनाई गईं
जिसमें शामिल हैं मशीन और कागज़ और रोशनाई
उनके उद्योगों के आर्थिक निवेश
जो वे दिन-प्रतिदिन बड़े उद्योगपतियों और प्रचारकों से पाते हैं
और सरकार और उत्तरी अमेरिका
और दूसरे दूतावासों से
जिसे वे गारते हैं अपने मजदूरों के शोषण से
जिसे वे ऐंठते हैं ब्लैकमेल से ( "सबसे नामी आदमी की निंदा
न छापकर या मौकापरस्ती से ऐसा राज छापकर
जो समुद्र की सबसे छोटी मछली को डुबो देगा" )
जो वे कमाते हैं "एकमात्र अधिकार" की अवधारणा से, उदाहरण के लिए
"लव इज" तौलिए... "लव इज" मूर्तिकाएं...
जो वे रोज एकत्र करते हैं
सल्वाडोर (और गुआटेमाला) के उन सभी लोगों से
जिनके पास बीस सेंटावो उपलब्ध होते हैं.

पूंजीवादी तर्कशास्त्र में
 प्रेस की आजादी बस एक और धंधा है
और सबके लिए इसकी कीमत
इसके लिए उसके द्वारा किए जाने वाले भुगतान के समानुपाती है :

लोगों के लिए बीस सेंटावो प्रति व्यक्ति प्रति दिन
प्रेस की आजादी की कीमत,

 वियरा अल्टामिरानो डतरिज पिंटो वगैरह के लिए
लाखों डालर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन
होती है प्रेस की आजादी की कीमत.

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 27 साल


सत्ताईस साल का होना
एक संजीदा बात है
दरअसल तमाम मौजूद चीजों के बीच
सबसे संजीदा बातों में से एक
देखते हुए दोस्तों की मौत
और डूबते हुए बचपन को
शक होने लगता है
अपने खुद के अमरत्व पर.
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  कविता से


मैं तुम्हारा स्वागत करता हूँ कविता
बहुत शुक्रगुजार हूँ आज तुमसे मुलाक़ात के लिए
(ज़िंदगी और किताबों में)
तुम्हारा वजूद सिर्फ उदासी के चकाचौंध कर देने वाले
भव्य अलंकरण के लिए ही नहीं है

इसके अलावा हमारी जनता के इस लम्बे और कठिन संघर्ष के
काम में मेरी मदद करके
तुम आज मुझे बेहतर कर सकती हो

 तुम अब अपने मूल में हो :
अब वह भड़कीला विकल्प नहीं रही तुम
जिसने मुझे अपनी ही जगह से बाँट दिया था

 और तुम खूबसूरत होती जाती हो 
कामरेड कविता

कड़ी धूप में जलती हुई सच्ची खूबसूरत बाहों के बीच
मेरे हाथों के बीच और मेरे कन्धों पर

तुम्हारी रौशनी मेरे आस पास रहती है.
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यकीन


चार घंटों की यातना के बाद, अपाचे एवं अन्य दो सिपाहियों ने कैदी को होश में लाने के लिए उस पर एक बाल्टी पानी फेंक कर कहा : "कर्नल ने हमें यह बताने का हुक्म दिया है कि तुम्हें खुद को बचाने का एक मौक़ा दिया जाने वाला है. यदि तुम सही-सही यह बता दो कि हममें से किसकी एक आँख शीशे की है, तो तुम्हें यातना से छुटकारा दे दिया जाएगा." जल्लादों के चेहरे पर निगाहें फिराने के बाद, कैदी ने उनमें से एक की तरफ इशारा किया : "वह. उसकी दाहिनी आँख शीशे की है."

अचंभित सिपाहियों ने कहा, "तुम तो बच गए ! लेकिन तुमने कैसे अंदाजा लगाया ? तुम्हारे सभी साथी गच्चा खा गए क्योंकि यह अमेरिकी आँख है, यानी एकदम बेऐब." "सीधी सी बात है," फिर से बेहोशी तारी होने का एहसास करते हुए कैदी ने कहा, "यही इकलौती आँख थी जिसमें मेरे लिए नफरत नहीं थी."

जाहिर है, उन्होंने उसे यातना देना जारी रखा.

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अनुवाद : मनोज पटेल

सम्पर्क : manojneelgiri@gmail.com ; http://padhte-padhte.blogspot.com/